Roller Bearing:- जहाँ पर कोई घुमने वाला वस्तु किसी स्थिर वस्तु के संपर्क में आता है वहां पर दोनों के बिच घर्षण उत्त्पन होता है जो घुमने वाले वस्तु के गति में अवरोध उत्त्पन करता है तथा उसके संपर्क में आने वाला सतह घिसने लगता है.घुमने वाले वस्तु का घर्षण के कारण उत्त्पन होने वाले अवरोध को कम करने तथा संपर्क में आने वाले सतह को घिसने से बचाने के लिए बियरिंग का उपयोग किया जाता है.
Roller Bearing-रोलर बियरिंग के पार्ट्स
कोन असेम्बली – इनर रेस, रोलर एवं केज के सयुंक्त असेम्बली को कोन असेम्बली कहते हैं.यह शंकु के आकर का होता है और इसके ठीक ऊपर टेपर रोलर लगे होते हैं.कोन असेम्बली का इनर रेस जनरल पर फिट होता है.कोन असेम्बली की दो कतारें आपस में एक दुसरे से स्पेसर रिंग द्वारा दुरी पर जनरल के साथ जुड़े होते हैं.एक सी.टी.आर.बी. में दो कोन असेम्बली लगे होते हैं.
कप – यह बियरिंग का आउटर रेस होता है.इसके अन्दर दो टेपर कोन असेम्बली फिट होती है. दोनों कोन असेम्बली के बिच एक स्पेसर लगाया जाता है जो दोनों कोन असेम्बली के बिच निर्धारित दुरी बनाये रखता है.एक सी.टी.आर.बी में एक कप लगा होता है.
स्पेसर – यह एक पति सी रिंग होती है जो दोनों कोन असेम्बली के बिच लगाईं जाती है. यह स्पेसर दोनों कोन असेम्बली के बिच निर्धारित दुरी बनाये रखती है.एक सी.टी.आर.बी में एक स्पेसर लगा होता है.
ग्रीस सील – यह बाहर के तरफ से धुल मिटटी पानी आदि जैसे बाहरी चीजो को बियरिंग के अन्दर आने से रोकती है.सील को आउटर रिंग में दबा कर फिट करते हैं.एक सी.टी.आर.बी में दो ग्रीस सील लगे होते हैं.
बैकिंग रिंग – बियरिंग के पीछे की तरफ बैकिंग रिंग लगा होता है जो की बियरिंग को अपनी जगह पर बनाए रखता है.एक सी.टी.आर.बी बियरिंग में सिर्फ एक बैकिंग रिंग लगा होता है.
एंड कैप – यह बियरिंग के सामने यानी की बाहर के तरफ लगा होता है जो बियरिंग को अपने जगह में बनाये रखता है और बियरिंग को पक्का आधार प्रदान करता है.एंड कैप स्क्रू के मदद से बियरिंग जनरल के अंतिम सिरे पर लगा होता है.एक सी.टी.आर.बी के लिए एक एंड कैप लगा होता है.
लॉकिंग प्लेट – यह एंड कैप स्क्रू को अपनी जगह में बनाये रखता है.एक सी.टी.आर.बी बियरिंग में एक लॉकिंग प्लेट लगा होता है.
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Cartridge taper Roller Bearing – सी.टी.आर.बी का रिपेयर
भारतीय रेलवे में उपयोग होने वाले सी.टी.आर.बी(Cartridge taper Roller Bearing) का ओपन लाइन में लुब्रिकेशन की ज़रूरत नहीं होती है.इसको एक POH(Periodical Overhauling) से दुसरे POH(Periodical Overhauling) के बिच में खोलने की ज़रूरत नहीं होती है. इसलिए C.T.R.B को सिक लाइन या IOH डिप्पो में रिपेयर के लिए खोलने की ज़रूरत नहीं होती है.
बियरिंग को एक्सल से निकालने का तरीका
- बियरिंग को बाहर से अच्छी तरह से साफ़ करें. एंड लॉकिंग प्लेट एवं लॉकिंग बोल्ट निकाल कर एंड कैप को बाहर निकालें.
- बियरिंग पुलर के पायलट स्लीव को एक्सल के सिरे पर बोल्ट की मदद से लगायें.
- बियरिंग पुलर के पुलिंग शू को सी.टी.आर.बी के बैकिंग रिंग के पीछे लगायें.इसी पोजीशन को बनाये रखते हुवे पुलर से हाइड्रोलिक प्रेशर देना शुरू करें तथा प्रेशर धीरे धीरे बढ़ाएं.बियरिंग धीरे धीरे बाहर निकलना शुरू होगा.
- बियरिंग को पुलर से बाहर निकालने के बाद बैकिंग रिंग एवं सील वियरिंग को अलग करें.
- बियरिंग को निकालने के बाद उसे साफ़ सुथरी जगह पर रख दें.बियरिंग को निकालने के बाद कभी भी खुली जगह पर नहीं रखना चाहिए वरना उसमे धुल, मिटटी, पानी एवं नमी आदि घुस सकती है और बियरिंग ख़राब हो सकता है.
- बियरिंग को निकालने के बाद जब एक जगह से दूसरी जगह ले जाएँ तो इस बात का ध्यान रखें की बियरिंग गिर कर ख़राब न हो जाये.इसलिए बियरिंग को बहुत सावधानी पूर्वक एक जगह से दूसरी जगह ले जानी चाहिए.
रोलर बियरिंग के लाभ
- रेल इंजन अधिक भार खीच सकता है
- रोलर बियरिंग रगड़ विरोधी होने के कारण प्लेन बियरिंग की तुलना में गाडी को खीचने में अपेक्षाकृत कम ताकत लगानी पड़ती है.
- रोलर बियरिंग की चोरी नहीं हो सकती है जबकि पहले उपयोग किये जाने वाले ब्रास बियरिंग चोरी हो जाते थे जब गाडी यार्ड में खड़ी रहती थी.
- रोलर बियरिंग की गर्म होने की प्रतिशत प्लेन बियरिंग की अपेक्षा लगभग शुन्य है, इसके कारण चलती गाडी में बियरिंग की समस्या नहीं आती है और बिच में गाडी को काटना नहीं पड़ता है.
- इसमें लेटरल प्ले बहुत कम होता है जिसके कारण गाडी चलने के दौरान बहुत कम हिलती है और इसके वजह से यात्रा करना बहुत आराम दायक हो जाता है.
- पहियों के फ्लेंज कम घिसते हैं जिसके कारण पहिये जल्दी ख़राब नहीं होते हैं और उनके सेवा काल का समय बढ़ जाता है.
- रोलर बियरिंग को दो ओवरहालों के बिच किसी भी तरह की रिपेयर या ग्रीस भरने की ज़रूरत नहीं पड़ती है. जबकि प्लेन बियरिंग वाले गाड़ियों के चक्के को हर महीने या दुसरे , तीसरे महीने में दुबारा पैकिंग की ज़रूरत पड़ती है.
- रोलर बियरिंग का देखभाल व अनुरक्षण के लिए विशेष आवश्यकतायें
- बियरिंग लम्बे समय तक बिना किसी समस्या के चलती रहे इसके लिए रोलर बियरिंग के पुर्जो की सावधानी से देखभाल की अति आवशयकता होती है.इनकी देखभाल और अनुरक्षण अत्यंत सावधानी से कुशल तथा अनुभवी कर्मचारियों के द्वारा ही की जानी चाहिए.
Roller Bearing: धुल और मिटटी से बचाव
बियरिंग को निकालते समय, लगाते समय या रिपेयर करते समय इस बात का धयान रखना चाहिए की वहां धुल मिटटी न हो या बियरिंग के किसी हिस्से पर धुल मिटटी न लगा हो.हवा में हमेशा धुल मिटटी के कण उड़ते रहते हैं जो की हमें दिखाई नहीं देते हैं. ये धुल मिटटी के कण बियरिंग में घुस कर बियरिंग को समय से पहले ख़राब कर देते हैं. अतः बियरिंग को दुल मिटटी से बचाना बहुत ज़रूरी होता है.बियरिंग को धुल मिटटी के कणों से बचाने के लिए निम्नलिखित सावधानी बरतनी चाहिए.
- बियरिंग को खोलने के लिए एक डस्ट प्रूफ अलग से कमरा होना चाहिए जिसमे बियरिंग को खोल कर रिपेयर किया जा सके.
- अनुरक्षण में जितने भी औज़ार या टूल्स उपयोग किये जाते हैं उन्हें साफ़ सुथरा रखना चाहिए और उन्हें कभी भी ज़मीन पर नहीं रखा जाना चाहिए.
- बियरिंग में उपयोग होने वाले ग्रीस को खुला नहीं रखना चाहिए या किसी ऐसी जगह नहीं रखना चाहिए जहाँ दुल मिटटी के कण जा सकते हों.
- नए या पुराने बियरिंग को कभी भी खुली जगह में नहीं रखना चाहिए बल्कि उन्हें हमेशा कवर उक्त पैकेट में बंद कर के रखना चाहिए.
- वाशिंग लाइन में जहाँ गाडी क्र फर्श और बॉडी की सफाई और धुलाई होती है वहां बियरिंग को या उसके कवर को कभी नहीं खोलना चाहिए.
- बियरिंग को खोलने से पहले या लगाने से पहले एक्सल बॉक्स की अच्छी से सफाई कर लेनी चाहिए, ताकि उसमे मौजूद धुल मिटटी गलती से बियरिंग में न जाये.
- बियरिंग को साफ़ करने की लिए हमेशा सूती कपडे का उपयोग करना चाहिए.गन्दा तथा ऐसा कपडा जिसमे रोवें निकलते हों उनका उपयोग नहीं करना चाहिए.
Roller Bearing जंग से बचाव
हवा में नमी होने के कारण, ग्रीस में पानी मिल जाने के कारण तेज़ाब और नमक आदि के कारण बियरिंग में जंग लग जाता है जिसके वजह से बियरिंग बहुत जल्द ख़राब हो जाते हैं. जंग से बचाने के लिए निम्नलिखित बातो का ध्यान रखा जाना बहुत ज़रूरी है.
- बियरिंग को बारिश के समय कभी भी नहीं खोलना चाहिए. बारिश के दौरान बियरिंग खोलने से उसके अन्दर पानी जाने का खतरा बना रहता है.
- बियरिंग में उपयोग होने वाले ग्रीस की क्वालिटी अच्छी होनी चाहिए, जब उपयोग नहीं करना हो तो उस समय ग्रीस का डिब्बा अच्छे से बंद कर के रखा जाना चाहिए.
- यदि बाढ़ में या किसी और कारण से बोग़ी या वैगन पानी में डूबा रहा हो तो बियरिंग का अच्छे से पूरा परिक्षण करना चाहिए एवं नया ग्रीसिंग करना चाहिए.
Roller Bearing की धुलाई
जब कभी बियरिंग को धोना हो तो अच्छी क्वालिटी के सफ़ेद स्प्रिट या बैजिन का उपयोग करना चाहिए. वाइट स्प्रिट या बैजिन में गंधक और तेज़ाब की मात्रा बहुत कम होती है.बियरिंग को धोने या साफ़ करने के बाद तुरंत ग्रीस लगा कर रखना चाहिए वरना जंग लगने का खतरा बना रहेगा.
- बियरिंग की धुलाई हमेशा डस्ट प्रूफ कमरे में करना चाहिए. इसके अवल बियरिंग को धोने के लिए जिस बर्तन का उपयोग किया जाना हो वो साफ़ तथा सुखी होनी चाहिए.
- धोने के दौरान अगर तेल की ज़रूरत पड़े तो साफ़ तेल का उपयोग करना चाहिए क्योकि गंदे तेल से धोने से बियरिंग ठीक से नहीं धुलेगी और बाद में जल्द ही ख़राब हो जाएगी.
- जिस टैंक में बियरिंग को धोया जाता है उस टैंक में तली के ऊपर जाली लगी होनी चाहिए ताकि बियरिंग से निकालने वाली पुराणी तेल और ग्रीस जैसी गन्दगी निचे बैठ जाये.
चोट आदि से बचाव
बियरिंग को हमेशा आहिस्ता आहिस्ता सावधानीपूर्वक सम्भाल कर रखना या प्रोयोग करना चाहिए.अगर बियरिंग को एक जगह से दूसरी जगह लाना या ले जाना हो तो सम्भाल कर ले जाना चाहिए. अगर बियरिंग गिर जाता है या किसी और तरफ से उस पर मार पड़ती है तो इसके वजह से बियरिंग में डेंट या अदृश्य गड्ढे पद जाते हैं जो बियरिंग के लिए नुकसानदायक साबित होते हैं.
- बियरिंग को निकालने, लगाने या रिपेयर करने के दौरान कभी भी लोहे या स्टील के हथौड़े का उपयोग नहीं करना चाहिए.
- अगर रिपेयर के दौरान बियरिंग पर या उसकी पुर्जे पर चोट मारने की ज़रूरत पड़े तो इसके लिए हमेशा लकड़ी या पलास्टिक के हथौड़े का उपयोग करना चाहिए.
- कभी भी एक बियरिंग के ऊपर दूसरा बियरिंग न रखें, यानी बियरिंग का ढेर नहीं लगाना चाहिए इससे बियरिंग में एक दुसरे से मार पड़ने की संभावना होती है और बियरिंग के ख़राब होने का भी डर रहता है.
ग्रीस का उपयोग
ग्रीस बियरिंग में उपयोग होने वाला सबसे महत्वपूर्ण तत्व है.ग्रीस के उपयोग में बहुत सावधानी बरतनी होती है क्योकि अगर ग्रीस में कोई गड़बड़ हुई तो बियरिंग समय से पहले ख़राब हो जायेगा.इसलिए ग्रीस के उपयोग में निम्नलिखित बातो का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है.
- केवल ग्रीस निर्माता कम्पनी द्वारा अनुमोदित प्रकार के ग्रीस का ही उपयोग करना चाहिए.ऐसा ग्रीस जीको अनुमोदित नहीं किया गया हो उसका उपयोग नहीं करना चाहिए.
- अलग अलग तरह के ग्रीस को कभी भी एक साथ मिला कर उपयोग नहीं करना चाहिए.अगर काम के दौरान अलग अलग तरह की कई ग्रीस बचती हों तो उनको किसी और काम में उपयोग कर लेना चाहिए, बियरिंग में नहीं करनी चाहिए.
- बियरिंग में ग्रीस लगाने की मात्रा निर्धारित होती है तो ग्रीस लगाते समय इस बात का ध्यान रखें की ग्रीस निर्धारित मात्रा से न कम हो न ज़यादा हो.
- ग्रिस की मात्रा अधिक होने पर ग्रीस के घुमने में अधिक बाधा उत्त्पन होगी जिससे बियरिंग गर्म हो जाती है तथा ग्रीस बाहर निकालने लगती है जिसे ग्रीस ओजिंग भी कहते हैं.
- ग्रीस की मात्रा कम होने पर बियरिंग का लुब्रिकेशन ठीक तरह से नहीं होता है जिसके कारण बियरिंग गर्म हो कर जाम हो जाती है और कार्य करना बंद कर देती है.
बियरिंग फेल होने के कारण
ट्रेन, वैगन या बोगी के दुसरे पार्ट पुर्जो की तरह बियरिंग भी ख़राब होते हैं.समय के साथ इनमे भी दोष आने लगता है और ये फेल हो जाते हैं.रोलर बियरिंग फेल होने के कई कारण होते हैं.अगर कोई रोलर बियरिंग समय से पहले फेल होता है तो उसके निम्नलिखित कारण हो सकते हैं.
- ग्रीस में धुल मिटटी आदि जैसे कणों का मिलावट होना
- ग्रीस सील का ख़राब हो जाना
- ग्रीस की मात्रा निर्धारित मात्रा से कम होना
- इनर रेस,आउटर रेस, रोलर अथवा रोलर केज का टूटना
- इनर रेस, आउटर रेस, रोलर तथा रोलर केज में जंग लगना
- पिटिंग होना यानी के इनर रेस, आउटर रेस, रोलर अथवा रोलर केज में छोटे छोटे दानेदार गड्ढे बन जाना
- ब्रीनेलिंग होना यानी की इनर रेस या आउटर रेस में रोलर का गड्ढे पद जाना
- फलैंकिंग होना यानी की इनर रेस, आउटर रेस, रोलर अथवा रोलर केज के सतह से छोटे छोटे टुकड़े टूट कर निकलना
- इलेक्ट्रिक वेल्डिंग करेंट से इनर रेस, आउटर रेस, रोलर अथवा रोलर केज का ख़राब हो जाना.
- बियरिंग का क्लियरेंस निर्धारित सीमा से कम या ज़यादा होना.