भारतीय रेलवे में अलग अलग तरह के ट्रेन के लिए अलग अलग AXLE का उपयोग किया जाता है.मालगाड़ी के लिए अलग AXLE होते हैं जब की सवारी गाड़ी के लिए अलग AXLE होते हैं.भारतीय रेलवे में उपयोग किये जाने वाले एक्सल को उनके लोड कैपेसिटी के अनुसार अलग किया जाता है.
Axle (एक्सेल)
एक्सेल व्हील सेट को वो हिस्सा है जो की व्हील डिस्क को एक इस्तिथि में रखता है.एक्सल बॉक्स भी एक्सल के जनरल पर ही बंधा रहता है.कोचिंग ट्रेन्स में बिजिली पैदा करने के लिए बोगी में अल्टरनेटर को को लगाया जाता है और फिर इस अल्टरनेटर को एक्सल पर बंधे पुल्ली के साथ रबर बेल्ट से जोड़ दिया जाता है, यानी पुल्ली भी एक्सल पर ही फिट किया जाता है.
एक बोगी में दो एक्सल का उपयोग किया जाता है जिसमे की चार व्हील डिस्क लगे होते हैं. एक पुरे कोच या वैगन में दो बोगी, चार एक्सल और आठ व्हील डिस्क का उपयोग किया जाता है.एक ही एक्सल पर लगे दो व्हील डिस्क के बिच अन्दर से अन्दर की दुरी को व्हील गेज कहते हैं.ब्राड गेज़ व्हील का व्हील गेज़ 1600+2-1 MM होता है.
Axle Load Kise Kahte Hain
किसी एक्सल पर आने वाले कुल लोड को एक्सल लोड कहते हैं.एक्सल लोड अलग अलग तरह के ट्रेन में अलग अलग होता है.
Axle Load Capacity
किसी एक्सल द्वारा वजन सहने की छमता को एक्सल लोड कहते हैं.एक्सल लोड माल गाड़ी में अलग होता है और सवारी गाड़ी में अलग होता है.
अलग अलग ट्रेनों के एक्सल लोड की जानकारी
- BOXN———————20.3T
- BOXNHA—————–22.1T
- BOXNHL—————–22.9T
- BOXNEL—————–25T
- BOXNM1—————-22.9T
- ICF COACH AC——–16.2T
- ICF NON AC COACH—–13T
ज़रूरी सुचना:
यह सामग्री रेलवे का कोई प्रमाणित ग्रन्थ, नियमावली अथवा मैनुअल नहीं है.इसे किसी भी प्रकार से व किसी भी दशा में कार्यपालन हेतु प्राधिकार न माना जाये. रेल कर्मचारियों के लिए यांत्रिक संबंधी मामलों में सम्बंधित नियमालियों को ही सन्दर्भ के लिए आधार माना जाये.
यह सामग्री केवल प्रशिक्षण के दौरान अतरिक्त अध्यन हेतु तैयार की गई है.यहाँ दी गई जानकारी में समय समय पर बदलाव संभव है.अतः इस पाठ्य सामग्री को किसी भी रूप में मानक सन्दर्भ पुस्तक या जानकारी न माना जाये.
Worth