एयर ब्रेक सिस्टम में ब्रेक सिस्टम के संचालन के लिए संपीड़ित हवा का उपयोग किया जाता है. लोकोमोटिव में लगे कंप्रेसर के द्वारा ट्रेन की पूरी लंबाई में फीड पाइप और ब्रेक पाइप के मदद से पूरी ट्रेन को चार्ज किया जाता है. फ़ीड पाइप Auxiliary reservoir (AR) से जुड़ा होता है जब की ब्रेक पाइप Distributor valve (DV) के माध्यम से ब्रेक सिलेंडर से जुड़ा होता है.
जब ब्रेक पाइप में संपीड़ित हवा का कम होने लगता है तो ट्रेन में ब्रेक लग जाता है. ब्रेक को रिलीज करने के लिए ब्रेक पाइप में संपीड़ित हवा के दबाव को बढ़ा कर जब 5 KG/CM2 किया जाता है, इससे ट्रेन का ब्रेक रिलीज हो जाता है और ट्रेन चलने लगती है.
Distributor valve (DV)
ट्रेन के ब्रकिंग सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण पार्ट Distributor valve (DV) होता है. इसको ट्रेन का हार्ट भी कहा जाता है. Distributor valve ही ट्रेन में ब्रेक को लगाता है और रिलीज करता है. अगर डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व ख़राब हो जाये तो ट्रेन का ब्रैकिंग सिस्टम काम करना बंद कर देगा.
एक कोच या फिर एक वैगन में सिर्फ एक डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व होता है. डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व को अगर आइसोलेट कर दिया जाये तो उस कोच या वैगन का ब्रकिंग सिस्टम काम नहीं करेगा. डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व कोच में कॉमन पाइप ब्रैकेट के द्वारा जुड़ा होता है. डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व जिस कॉमन पाइप ब्रैकेट से जुड़ा होता है उसमे तीन पाइप होते हैं. एक पाइप ब्रेक पाइप होता है दूसरा Auxiliary reservoir (AR) से जुड़ा होता है जब की तीसरा पाइप ब्रेक सिलेंडर से जुड़ा होता है.
Distributor valve (DV) Kaise Kaam Karta Hai
डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व एक बहुत ही जटिल मशीन होता है इसको समझना बहुत आसान नहीं होता है लेकिन इसके सिधांत को समझना बहुत आसान होता है. कुछ एनीमेशन के मदद से डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व के काम करने के सिधांत को बहुत आसानी से समझा जा सकता है.
अगर आप डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व के काम करने के तरीके को समझना चाहते हैं तो निचे दिए गए विडियो को देख सकते हैं. इस विडियो को देखने के बाद आप इस बात को समझ जायेंगें की डिस्ट्रीब्यूटर वाल्व कैसे काम करता है, इसके अन्दर एयर फ्लो कैसे होता है.